बाबा के पट बंद के दौरान निकास द्वार से 20 – 25 मिनट तक श्रद्धालुओं के नो एंट्री पर भापुम ने जताया विरोध
देवघर : भारतीय पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पंडा धर्मरक्षीणी सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद दत्त द्वारी तथा अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा (युवा) के राष्ट्रीय मंत्री चंद्रशेखर खवाडे ने पुलिस अधीक्षक महोदय सुभाष चंद्र जाट से मुलाकात कर एक ज्ञापन दिया। उक्त ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि बाबा मंदिर के निकास द्वार पर कुछ पुलिस कर्मियों के द्वारा परंपरा तोड़ा जा रहा है। ज्ञापन केे अनुसार बाबा बैद्यनाथ मंदिर के निकास द्वार से भक्तोंं का प्रवेश बंद है जिसका समर्थन सभी समर्थन करते हैं। यह निर्णय पंडा समाज और प्रशासन के बीच बैठक में लिया गया था जो सदा सर्वदा उचित भी है, परंतु एक परंपरा रही है जब दिन में बाबा का पट बंद होने लगता है तो ठीक उसके पहले मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया जाता है और उसके बाद एक व्यक्ति द्वारा पुकारा जाता है “चलो जल चढ़ाने वाले अब बाबा का पट बंद होने वाला है” इसी बीच 20 से 25 मिनट तक निकास द्वार से श्रद्धालु बाबा पर जल चढ़ाते हैं और फिर काँचा चढ़ने के बाद पट बंद कर दिया जाता है और पट बंद होने के समय जल अर्पण की यही परंपरा सैकड़ों वर्षो से चली आ रही है। पत्र के अनुुुसार इस परंपरा को बिना कारण, बिना विचार विमर्श और बिना आदेश पत्र को सार्वजनिक किए भक्तों को बिल्कुल मनमाने ढंग से 20 – 25 मिनट निकाश द्वार से बाबा पर जल चढ़ाने से रोका जा रहा है। यह सीधे-सीधे मंदिर के परंपरा पर प्रहार है। पत्र में दोनों धार्मिक नेताओं ने जानना चाहा है कि यह किसके आदेश से हुआ ? किस कारण जबरन भक्तों को रोका जा रहा है? यह अज्ञात है। इसे गलत बताते हुए कहा कि इसे अविलंब रोका जाए। यह बहुत ही चिंता का और गंभीर विषय है। यह भक्तों के धार्मिक भावना से खिलवाड़ बताया है।