एक सीट ऐसी भी जिसे जीतने वाली पार्टी की प्रदेश में बनती है सरकार
जिस दल का प्रत्याशी जीता, प्रदेश में बनी उसकी सरकार
बस्ती जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं, हर्रैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर और महादेव। पिछले चुनाव में बीजेपी ने पांचों सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां की महादेव सीट का इतिहास गजब का रहा है। इस सीट को जिस दल का प्रत्याशी जीतता है, प्रदेश में उस दल की सरकार बन जाती है।
महादेवा विधानसभा सीट को पहले नगर पूरब सीट के नाम से जाना जाता था। परिसीमन के बाद इसका नाम बदला गया। 1980 में यहां से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अवध प्रसाद विधायक चुने गये और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। इसके बाद 1985 में कांग्रेस के ही रामजियावन कांग्रेस विधायक बने और प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी। 1989 में रामकरन आर्य जनता दल से जीते और प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार बनी। 1991 में भाजपा के वेद प्रकाश चुनाव जीतकर विधायक बने और भाजपा के कल्याण सिंह सीएम बने।
1993 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामकरन आर्य फिर चुनान जीते और और प्रदेश में सपा की सरकार बनी। 1996 में वेद प्रकाश बहुजन समाज पार्टी से चुनाव जीते और मायावती मुख्यमंत्री बनीं। 2002 में सपा के टिकट पर रामकरन आर्य फिर चुनाव जीतते हैं और प्रदेश में फिर से सपा की सरकार बनती है। 2007 में दूध राम बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव जीते बीएसपी की सरकार बनी। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने फिर रामकरन आर्य पर दांव लगाया और महादेवा सीट से सपा को जीत मिली और अखिलेश यादव सीएम बने। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रवि सोनकर जीते और प्रदेश में लंबे समय बाद भाजपा की सरकार बनी।
इस बार का समीकरण क्या कह रहा?
रवि सोनकर भाजपा से बस्ती के सांसद रहे कल्पनाथ सोनकर के बेटे हैं और राजनीति इन्हें विरासत में मिली है। इस बार भी इनका कड़ा मुकाबला दुधराम से ही है। दुधराम को सुभासपा-सपा का उम्मीदवार बनाया गया है। पिछली बार दुधराम बसपा के उम्मीदवार थे। इस सीट पर दलित, मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण निर्णायक भूमिका में है। यहा बसपा से लक्ष्मी चंद्र खरवार और कांग्रेस से बृजेश आर्य मुकाबले में हैं।
महादेवा विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3,42,918 है। दलित मतदाताओं की संख्या 8,11,01 है। इसके बाद यहां ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या आती है, जो लगभग 43,717 है। कुर्मी मतदाता की संख्या 39,408 है और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 33,314 है। लंबे समय से यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।