विरह वेदना
ऐ बेवफ़ा बदनसीब…!! तू यूं ही पल पल ज़ख़्म दे कर..मेरी इंतिहां ना लिया कर..!मैं ज़ख़्मी हूं पर…,अभी भी मरी
Read moreऐ बेवफ़ा बदनसीब…!! तू यूं ही पल पल ज़ख़्म दे कर..मेरी इंतिहां ना लिया कर..!मैं ज़ख़्मी हूं पर…,अभी भी मरी
Read moreसिमट कर तुम्हारी बाहों में…यादों में खिल उठती हूं…! यादों में खोई खोई मैं…तुम में खो जाती हूं…! शरमा कर
Read moreअभिव्यक्ति ही मेरा अधिकार,मेरी खुशी है..बोलने की शक्ति ईश्वर का श्रेष्ठ वरदान हैं…!मेरी आशा ही मेरी भाषा है…मेरी आन मेरी
Read moreअलविदा तो बोलूंगी नहीं…पर विदा तो जरूर लेंगे..मंजिल है दूर बहुत…जाना अकेला ही होंगे..!!ख़ामोश आंखें शांत धड़कन..चाहत कुछ और ना
Read more