बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10 – 10 साल की सजा
रांची : एनटीपीसी के खनन कार्य के विरोध में बड़कागांव के चीरूडीह (Chirudih) में 2016 में हुए हिंसा मामले में रांची सिविल कोर्ट ने आज चिरूडीह गोलीकांड में दोषियों को सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोनों पर क्रमशः 5- 5 हजार से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 22 मार्च को दोनों पति-पत्नी को भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला, आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी कार्य में बाधा डालने का दोषी करार दिया था।
रांची सिविल कोर्ट ने आज चिरूडीह गोलीकांड में दोषियों को सजा सुनाई। न्यायालय ने बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10 – 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोनो पर 5- 5 हजार से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि 22 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को चिरूडीह गोलीकांड में दोषी करार दिया था.
22 मार्च को दोषी करार दिया गया था
बता दें कि 8 मार्च को रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में इस केस से जुड़े सभी बिंदुओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 22 मार्च को योगेन्द्र साव को दोषी करार दे दिया था. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने योगेंद्र साव के ऊपर लगे आरोपों को साबित करने के लिए 20 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज करवाये हैं. जबकि आरोपी योगेंद्र साव, निर्मला देवी और अंकित राज की ओर से 7 गवाह प्रस्तुत किये गए है. योगेंद्र साव पर आईपीसी की धारा 307 समेत अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
कफन सत्याग्रह आंदोलन के दौरान पुलिस पर हुआ था हमला
बता दें कि 2016 को चिरूडीह खनन के रास्ते पर योगेंद्र साव सहित कई लोग कफन सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा था. एनटीपीसी के खनन क्षेत्र के दोनों मार्ग जाम हो गए थे. विधि-व्यवस्था को ठीक करने के लिए निर्मला देवी को बड़कागांव के मामले में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस पर जानलेवा हमला कर उन्हें छुड़ा ले गई। जिसमें कई अधिकारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।