देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर हादसा रोपवे की कई ट्रॉलिया आपस में टकरायी
एक दर्जन से अधिक पर्यटक घायल, ट्रॉली में फंसे हैं सौ से अधिक लोग
घटनास्थल पर पहंुचे देवघर विधायक, उपायुक्त, एसपी व एनडीआरएम की टीम
देवघर : एक तरफ बाबा नगरी में रामनवमी का त्योहार को लेकर खुशी का माहौल बना था लेकिन मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे हादसा से गम का माहौल व्याप्त हो गया।
दरअसल रामनवमी के मौके पर काफी संख्या में पर्यटक त्रिकुट पहाड़ घूमने आये थे। पर्यटक ट्रॉली में बैठकर ऊपर जा रहे थे। इस बीच रविवार की शाम रोपवे के पैनल से तार उतर कर टूट गया। जिससे कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गयी। इतना ही 18 ट्रॉली पहाड़ की तलहटी में फंस गयी। इस हादसे में एक दर्जन से अधिक पर्यटक घायल हो गये जबकि सौ से अधिक पर्यटक ट्रॉली में फंस गये।
घटना की सूचना मिलते ही विधायक नारायण दास, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाष चंद्र जाट, एसडीओ दिनेश कुमार यादव, एसडीओ पवन कुमार, विशेष शाखा डीएसपी अनिल कुमार शर्मा, एनडीआरएफ की टीम, मोहनपुर बीडीओ सह सीओ डॉ विवेक किशोर, अंचल निरीक्षक केशव प्रसाद चौधरी, थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चलाकर घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती करवाये रहे हैं।
एसएसबी जवान की पत्नी समेत कई घायल : इस हादसे में दुमका एसएसबी में तैनात जवान भूपेन वर्मन की पत्नी दीपिक वर्मन गंभीर रूप से घायल हो गयी है। उसके चेहरे पर गंभीर चोट आयी है। जवान असम के रहने वाले हैं। तिरनगर निवासी सोनिया देवी, रूपा कुमारी, जामताड़ा जिले के करमाटांड़ निवासी गोविंद भगत, सुमति देवी साकिन सुरा, खुशबू रानी, सुधा रानी दरभंगा लहरिया निवासी घायल हो गयी हैं।
– 12 ट्रॉली में फंसे पर्यटकों को पहुंचाया जा रहा है पानी : त्रिकुट पहाड़ की तलहटी में समाचार लिखे जाने तक 12 ट्रॉलियां फंसी हुई हैं। जिसमें तकरीबन 50 पर्यटक सवार हैं। उन पर्यटकों को जिला प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम सहायक ट्रॉली से पानी पहुंचा रही है। पर्यटकों से उनके परिजनों को फोन पर बात भी करायी जा रही है।
घटना के बाद रोपवे की टीम फरार : हादसे के रोपवे प्रबंधन के मैनेजर समेत सभी कर्मचारी मौके पर फरार हो गये है। जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा गया। लोगों ने ऐसे लापरवाही मैनेजर एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
झारखंड का सबसे ऊंचा है त्रिकुट का रोपवे : त्रिकुट का रोपवे झारखंड का सबसे ऊंचा रोपवे है। इसकी ऊंचाई
848 मीटर है।
बचाव कार्य में गाइड, फोटोग्राफर व स्थानीय लोगों की भूमिका रही अहम : हादसे में फंसे लोगों की मदद में स्थानीय गाइड, फोटोग्राफर एवं ग्रामीणों ने अहम योगदान निभाया। लोग एनडीआरएफ की टीम के साथ पहाड़ की तलहटी पर पहुंचकर वहां फंसे पर्यटकों को पानी समेत अन्य जरूरत की सामानों को पहुंचाया।
कोट
मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत त्रिकुट पर्वत पर रोपवे सफर के दौरान हुई घटना को लेकर जिला प्रशासन एनडीआरएफ की टीम व स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बचाव कार्य में जुटी हुई है। वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, बचाव दल के सहयोग से सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। ऐसे में किसी भी तरह के अफवाह से बचे और अफवाह फैलाने वालों की जानकारी अपनी नजदीकी थाना या प्रखंड विकास पदाधिकारी को दे सकते है, ताकि ऐसे लोगों के विरुद्ध आवश्यक व कड़ी करवाई की जा सके।
मंजूनाथ भजंत्री, उपायुक्त
सांसद ने जतायी संवेदना : स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने इस हादसे में घायल लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मुख्य सचिव झारखंड सरकार और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अविलंब एनडीआरएफ की टीम के साथ आवश्यक बचाव दल मौके पर भेजने का आग्रह किया है। जिसके बाद टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। दुबे ने तुरंत मामले पर संज्ञान में लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।